अमेरिकामे मिथिलाक गौरवबोध


“अमेरिकामे मिथिलाक गौरवबोध” आइ मंगलक भोर किछु खास रहल। कैन्सस सिटीस्थित हिन्दू मन्दिरमे सामान्य दर्शन-पूजन क’ बहराए लगलहुँ तँ दक्षिण भारतीय पुजारी श्रीनिवास आचार्य अचानक टोकि देलनि जे अहाँसभ कत’ सँ? हम कहलियनि जे अहीठाम इण्डिपेण्डेन्ससँ, जत’ हमर लड़का रहैत अछि, मुदा आएल छी हमसभ नेपालसँ। ओ पुछलनि जे नेपालमे काठमाण्डू रहै छी? हम कहलियनि- हँ रहै तँ काठमाण्डूए छी, मुदा घर अछि जनकपुर। जनकपुर सुनितहिँ हुनकर चेहराक भाव बदलि गेलनि। ओ तत्क्षण दुनू हाथ जोड़ि प्रणाम कएलनि। कहलनि जे आइ हमर जीवन धन्य भुगेल जे सीता मैयाँक गामसँ, मिथिलासँ आएल अहाँसभक दर्शन भेल। रूपाकेँ ओ सीता मैयाँ कह’ लगलाह। मन्दिरमे उपस्थित सभकेँ अत्यन्त उल्लासक संग कहलखिन जे देखियौ, ईसभ मिथिलासँ आएल छथि। सभक आँखिमे अद्भुत श्रद्धा छलक’ लागल। हमसभ अचम्भित छलहुँ- अमेरिकासन जगहपर मात्र मैथिल होएबाक कारणे हमरासभपर भुरहल ई विशेष ध्यानाकर्षणकेँ देखिक’। लगले आचार्यजी हमरासभकेँ विशेष पूजामे शामिल करबौलनि, तिरुपति-बालाजीक चादर ओढ़ा सम्मान कएलनि, हमरासभक संग हुलसिक’ फोटो खिचलनि, खिचबौलनि।

आ आनन्दित मोने अनेक तरहक भाव आ प्रसाद ल’ घुरलहुँ हमसभ जे आइ हमर धरातलक प्रति रहल लोकक आस्था हमरासभकेँ एहन सम्मान देलक। फेर जनकवि यात्रीक ई पाँति मोनमे उभरि आएल- भगवान हमर ई मिथिला सुख-शान्तिकेर घर हो आदर्श भ’ सभक ई इतिहासमे अमर हो।।

धिरेन्द्र प्रमर्षिको फेसबुक वाल बाट


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