“अइसन एगो दिवाली आओ”


उतरल बा आजु जइसे
जोन्ही के झिलमिल बरात
सिमट गइल बा अँजोर से
करिया कुच-कुच अन्हरिया रात
रोपेया लुटत लुटावत बा लोग
मगन बा खेले में जुवा तास

चारू ओरिया भइल बा अँजोर
मचइले बा धूम पटाका के शोर
देखीं देखीं तनका होने ओर
एगो गरिब के मन में भइल धधोर
दुब्कल बा जइसे हउवे चोर
आँख से काहे ओकरा बर्सता लोर ?

सब लोग भर पेट खाना खाओ
हर लब पर मुस्कान सजाओ
सबका घर में दीप बराओ
उच नीच के भेदभाव हटाओ
सबका बीच में प्रेम बढ़ाओ
अइसन एगो दिवाली आओ


#कविता_आनन्द

सोहरइया/दिवाली के हार्दिक शुभकामना


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